मंगलवार, 22 अगस्त 2017

जयललिता

    By : Asharfi Lal Mishra

Asharfi Lal Mishra








                                                                       
                                                                      जयललिता   
जयललिता (२४ फरवरी १९४८ --५ दिसम्बर २०१६ ) फिल्म अभिनेत्री से राजनेता के रूप में भारत के तमिलनाडु राज्य की ५  बार मुख्य मंत्री बनने का गौरव प्राप्त रहा है। तमिलनाडु  की जनता में  वे अम्मा  के नाम  जानी जाती हैं। ५ दिसम्बर २०१६ को उनकी मृत्यु पर तमिलनाडु की जनता ने इतने आँसू बहाये कि शायद ही   विश्व  के  किसी भी देश में  किसी राजनेता की मृत्यु पर  इतने आँसू  बहाये हों।
नाम: जयराम जयललिता (J. Jayalalithaa)
जन्म तिथि : २४ फरवरी १९४८
जन्म स्थान : मेलकोट (Melukote), तालुका -पाण्डवपुरा ,जिला -मांड्या , मैसूर  (कर्नाटक )
जन्म के समय का नाम:कोमलावली
माता का नाम : वेदावली (संध्या )
पिता का नाम : जयराम
दादी का नाम : कोमलावली (Komlavalli)
दादा  का नाम : (Narasimhan Rengachary) नरसिम्हां रंगाचार्य 
सहोदर : जयकुमार (भाई )
जाति : ब्राह्मण (तमिल-आयंगर )
विद्यालय में नाम : जयराम जयललिता
शिक्षा : मैट्रिक (हाई स्कूल ),१९६४ ,
उपनाम : पुरातची थालेवी (क्रन्तिकारी नेता ),अम्मा (माता )
मृत्यु तिथि: ५  दिसम्बर २०१६
निवास: पोएस गार्डन ,चेन्नई ,तमिलनाडु
व्यवसाय: अभिनेत्री,राजनीति
वैवाहिक स्थिति:अविवाहित
दत्तक पुत्र : वी एन सुधाकरन
नागरिकता: भारतीय
राजनीतिक पार्टी: आल इंडिया अन्ना  द्रविड़ मुन्नेत्र कजगम (AIADMK)
भाषायी ज्ञान: तमिल,तेलगु,कन्नड़,मलयालम ,हिंदी,अंग्रेजी

व्यक्तिगत जीवन:  जयललिता का जन्म २४ फ़रवरी १९४८ को मैसूर राज्य (कर्नाटक ) के मांड्या जिले के अंतर्गत पाण्डवपुरा तालुका में स्थित मेलकोट में तमिल ब्राह्मण (आयंगर ) कुल में  हुआ था। इनके पिता का नाम जयराम और माता का नाम वेदावली है। जन्म होने पर इनको  दादी के नाम कोमलावली के नाम  से पुकारा जाने लगा। कालान्तर में विद्यालय जाने पर इनका नाम जयललिता रखा गया।
      इनके दादा   नरसिम्हां रंगाचार्य  मैसूर साम्राज्य के दरबार में फिजिशियन सर्जन थे जो महाराज  कृष्ण  राजा वाडियार  चतुर्थ की सेवा में रहते थे और पिता अधिवक्ता थे। जयललिता के भाई का नाम जयकुमार है। २ वर्ष की आयु में इनके पिता का देहान्त  हो गया। वर्ष १९५० में इनकी विधवा माँ वेदावली अपने पिता के पास  बंगलोर वापस आ गईं।वर्ष १९५२ में इनकी माँ अपनी बहन के पास मद्रास चली गईं।  १९५० से १९५८ तक जयललिता अपने मौसी के साथ मैसूर में रहीं। वर्ष १९५८ में मौसी पद्मावली के विवाह हो जाने पर अपनी माँ के पास मद्रास आ गयीं। सैक्रेड हार्ट मैट्रिकुलेशन स्कूल मद्रास से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की और इस परीक्षा में उनहोंने राज्य स्तर पर   स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

फ़िल्मी जीवन:15 वर्ष की आयु में वे कन्नड़ फिल्मों में मुख्‍य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी। कन्नड भाषा में उनकी पहली फिल्म 'चिन्नाडा गोम्बे' है जो 1964 में प्रदर्शित हुई।* उसके बाद उन्होने तमिल फिल्मों की ओर रुख किया। वे पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने स्कर्ट पहनकर भूमिका निभाई थी। उन्होंने लगभग ३०० फिल्मों में काम किया। अधिकतर शिवा जी   गणेशन और रामचद्रन के साथ फ़िल्में अभिनीत की गई। हिंदी की मनमौजी और इज्जत जैसी फ़िल्में भी इन्होंने अभिनय किया।
राजनीतिक जीवन: 
* १९८२  में AIADMK की सदस्य्ता ग्रहण की। 
*१९८३ में AIDMK का  प्रचार सचिव नियुक्त किया गया। 
*१९८४-१९८९ तक राज्य सभा की सदस्य रहीं [1]
*१९८४  में जब मस्तिष्क के स्ट्रोक के चलते रामचंद्रन अक्षम हो गए तब जया ने मुख्यमंत्री की गद्‍दी संभालनी चाही, लेकिन तब रामचंद्रन ने उन्हें पार्टी के उप नेता पद से भी हटा दिया।[2]
*१९८७ - में रामचंद्रन का निधन हो गया और इसके बाद अन्ना द्रमुक दो धड़ों में बंट गई। एक धड़े की नेता एमजीआर की विधवा जानकी रामचंद्रन थीं और दूसरे की जयललिता, लेकिन जयललिता ने खुद को रामचंद्रन की विरासत का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
*१९८९ में उनकी पार्टी ने राज्य विधानसभा में २७  सीटें जीतीं और वे तामिलनाडु की पहली निर्वाचित नेता प्रतिपक्ष बनीं[3]
*१९९१ में राजीव गांधी की हत्या के बाद राज्य में हुए चुनावों में उनकी पार्टी ने कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ा और सरकार बनाई। वे २४  जून १९९१  से १२  मई १९९६ तक राज्य की पहली निर्वाचित मुख्‍यमंत्री और राज्य की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री रहीं।[4]
*१९९२ में उनकी सरकार ने बालिकाओं की रक्षा के लिए 'क्रैडल बेबी स्कीम' शुरू की ताकि अनाथ और बेसहारा बच्चियों को खुशहाल जीवन मिल सके। इसी वर्ष राज्य में ऐसे पुलिस थाने खोले गए जहां केवल महिलाएं ही तैनात की गईं। 
*१९९६ में उनकी पार्टी चुनावों में हार गई और वे खुद भी चुनाव हार गईं। इस हार के बाद सरकार विरोधी जनभावना और उनके मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुये। पहली बार मुख्यमंत्री रहते हुए उनपर कई गंभीर आरोप लगे। उन्होंने कभी शादी नहीं की लेकिन अपने दत्तक पुत्र 'वीएन सुधाकरण' की शादी पर पानी की तरह पैसे बहाए। यह विषय भी इन मामलों का एक हिस्सा रहा[5]
*१४ मई २००१ से २१ सितम्बर २००१ तकतमिलनाडु की  मुख्य मंत्री ।
*२ मार्च २००२--१२ मई २००६ तक तमिलनाडु की  मुख्य मंत्री। 
* १६ मई २०११--२७ सितम्बर २०१४  तक  तमिलनाडु की मुख्य मंत्री
*२३ मई २०१५ --५ दिसंबर २०१६ तक तमिलनाडु की मुख्य मंत्री
 राजनीतिक उपलब्धि 
ब्राह्मण विरोध के रूप में उपजी AIDMK का नेतृत्व ब्राह्मण नेता जयललिता द्वारा किया गया और सर्व मान्य नेता के रूप में लोग आदर में जयललिता को अम्मा कह कर पुकारते थे। दक्षिण भारत के  राज्यों में प्रमुख राज्य   तमिलनाडु  की राजनीति में  जयललिता का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा।

      



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