द्वारा: अशर्फी लाल मिश्र
अशर्फी लाल मिश्र |
आज सम्पूर्ण विश्व में कोरोना महामारी (कोविड 19) से हाहाकार मचा हुआ है। कोविड 19 से आज संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत सर्वाधिक प्रभावित देश है।
आज हमें जो भी कोविड19 से प्रभावित आंकड़े प्राप्त हो रहे हैं वे चाहे पॉजिटिव हों या ठीक हुए हों या फिर मृत्यु के आंकड़े हों सभी सरकारी अभिलेखों के आंकड़े हैं। इससे इतर जाने कितनी कोरोना से मौतें हो रही हैं उनका उल्लेख कहीं नहीं मिलता।
जाने कितने लोग माइल्ड कोरोना से प्रभावित हैं जो स्वयं ही अपने घर में आइसोलेट हो गए और उनमे बहुत लोग ठीक भी हुए और कुछ काल कवलित हो गए।
ऑक्सीजन स्तर
भारत में लगभग सभी जगह पेड़ पौधे एवं हरियाली है।वायुमण्डल में ऑक्सीजन कमी नहीं है लेकिन पराली जलाने, आतिशबाजी ,जनरेटर का स्तेमाल, पुराने वाहन (ट्रक, बस,लोडर,ट्रेक्टर, दुपहिया वाहन ,जुगाड़ गाड़ी जो मोटर साईकल से चलती है,आदि।) से ऑक्सीजन की कमी और कॉर्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है।
आज कोरोना महामारी के समय वायु मण्डल में ऑक्सीजन की कमी से न केवल महा नगरों में बल्कि देहात में भी लोग प्राण त्याग रहे हैं।
देश के शीर्षस्थ न्यायालय ने भी ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जाहिर की है।
आज तुरन्त सहायता पहुंचने के लिए अस्पतालों में देश विदेश से ऑक्सीजन सिलिंडरों की आपूर्ति हो रही है।
लेकिन दूसरी तरफ सार्वजनिक समारोह विवाह आदि के अवसर पर आतिशबाजी और डीजल जनरेटर का धड़ल्ले से स्तेमाल हो रहा है। क्या इससे वायुमंडल का ऑक्सीजन स्तर बढ़ रहा है?
सरकार अभी तक अस्पतालों तक ही मुश्किल से ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराने में व्यस्त है।
तत्काल उपाय
सरकार को चाहिए कि वायु मण्डल में ऑक्सीजन के स्तर को स्थिर करने के लिए तत्काल प्रभाव से आतिशबाजी, जनरेटरों का प्रयोग एवं पुराने वाहनों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
यदि ऐसा नहीं हुआ तो आगे चलकर हर व्यक्ति को अपने गले में सिलिंडर डाल कर चलना होगा।
अभिमत
1-आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध हो।
2-डीज़ल जनरेटर पर पूर्ण प्रतिबंध हो।
3-पुराने वाहनों (चार पहिया,तीन पहिया,दो पहिया एवं जुगाड़ गाड़ी आदि) पर प्रतिबंध लगाया जाए।(इलेक्ट्रिक वाहन छोड़कर)
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