मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

Galuapur Inter College overview

लेखक: अशर्फी लाल मिश्र               
अशर्फी लाल मिश्र 








गलुवापुर इण्टर कॉलेज गलुवापुर ,कानपुर देहात -गणतंत्र दिवस 2021 समारोह का एक दृश्य 


23 जनवरी 2021 को अचानक व्हाट्सएप्प के माध्यम से  गलुवापुर  इण्टर कॉलेज गलुवापुर ,कानपुर देहात के प्रधानाचार्य ओम प्रकाश सिंह का एक आमंत्रण पत्र मिला जिसमे विद्यालय में हो रहे  72 वें गणतंत्र दिवस में सम्मिलित होने का अनुरोध किया गया था। 

अगले दिन 24 जनवरी 2021 को इसी विद्यालय के  छात्र और हमारे प्रिय शिष्य राम कुमार गुप्त (सेवा निवृत्त जनरल मैनेजर -NTPC ,वर्तमान सलाहकार -उत्तर प्रदेश विद्युत् उत्पादन निगम लिमिटेड ) व्हाट्सएप्प पर  सन्देश आया कि 
  "  मैं 72 वें गणतंत्र दिवस समारोह के  अवसर पर गलुवापुर इण्टर कॉलेज गलुवापुर ,कानपुर देहात  में मुख्य  अतिथि  के रूप में आमंत्रित हूँ "

 25 जनवरी 2021 को Ram Kumar Gupta का   फोन आया कि  
" आप समारोह में आइये हमें आप को समारोह में सम्मानित करना है "


अब हमने गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मिलित होने की प्रधानाचार्य को फोन द्वारा सहमति प्रदान कर दी। 

72 वें गणतंत्र दिवस समारोह पर गलुवापुर इण्टर कॉलेज गलुवापुर ,कानपुर देहात  के छात्रों का एक दृश्य 


वाहन की असुविधा के कारण  हम समारोह में   लगभग 20 मिनट  विलम्ब से पहुँचे। कार्यक्रम में पहुँचने पर कार्यक्रम संचालक  एवं विद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षक अजय कुमार पाल  द्वारा   माइक से  आने की  सूचना दी गई।  

विद्यालय के सभी छात्रों , शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ,आगंतुक अतिथियों सहित मुख्य अतिथि ने खड़े होकर करतल ध्वनि से  स्वागत किया। प्रधानाचार्य ओम प्रकाश सिंह पटेल ने मुख्य अतिथि के बगल में बैठने के लिए स्थान दिया। हमारे द्वारा उन्हें धन्यवाद दिया गया। बाद  में प्रधानाचार्य द्वारा  माल्यार्पण कर एवं  बैज लगाकर हमें  सम्मानित किया। हमने उनका ह्रदय से आभार प्रकट किया. 

मंच पर बैठे अतिथिगण बाएं से दाएं --> सुरेश चंद्र द्विवेदी (पूर्व शिक्षक) ,जय नारायण मिश्र (पूर्व शिक्षक ),राम कुमार गुप्त (पूर्व छात्र ,निवर्तमान जनरल मैनेजर NTPC, Advisor-UPRVUNL), अशर्फी लाल मिश्र A(पूर्व शिक्षक ,शिक्षाविद ,कवि,लेखक एवं  [1] ,ब्लॉगर [2]), ओम प्रकाश सिंह पटेल (प्रधानाचार्य )

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विद्यालय के मेधावी छात्रों एवं सांस्कृतिक कार्य क्रमों में भाग लेने वाले छात्रों को पुरस्कार वितरित किये। सम्पूर्ण सेवा निवृत्त शिक्षकों,शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं कार्यरत शिक्षकों ें एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी मुख्य अतिथि ने पुरस्कार  देकर सम्मानित किया।  



समारोह में उपस्थित गणमान्य अतिथिगण 

इस विद्यालय के पूर्व छात्र एवं मुख्य अतिथि राम कुमार गुप्त ने अपनी माध्यमिक शिक्षा को जीवन में स्मरणीय एवं जीवन में मील का पत्थर कहा। उनहोंने कहा कि 
" मैंने इसी विद्यालय से हाई  स्कूल (विज्ञानं वर्ग) एवं इण्टर (विज्ञान वर्ग ) से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया है। हाई स्कूल में गणित में विशेष योग्यता प्राप्त हुयी थी। हमारे बायीं ओर बैठे  अशर्फी लाल मिश्र हमारे गणित शिक्षक  थे। "
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य ने सभी का आभार व्यक्त किया। 

संस्था ऊँचाई के बाद ढलान पर: 
यह विद्यालय हमारा कार्य क्षेत्र रहा है। 18 वर्ष पश्चात् इस विद्यालय में किसी कार्यक्रम में जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। विद्यालय के छात्रों , शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की संख्या देखकर लगा कि विद्यालय किसी प्रकार सिर झुकाकर चल रहा है जो विद्यालय का जिले में गौरव था वह अब इतिहास बन कर रह गया है। 


किसी समय विद्यालय में 50  से अधिक शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को मिला दें तो यह संख्या 70 से अधिक थी। विद्यालय में छात्र भी 3500 के लगभग थे। उस  समय हमारे लिए समय  सारिणी बनाने में छात्रों की संख्या के अनुसार कक्ष आबंटन  एवं फर्नीचर व्यवस्था करना एक काम था।   
आज विद्यालय में प्रधानाचार्य द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विद्यालय में कुल 8 (1 +7 ) शिक्षक नियमित  एवं   1080 छात्र  हैं। 5  प्राइवेट शिक्षकों के साथ शिक्षण कार्य हो रहा है। 

छात्रों की संख्या के अनुसार विद्यालय में शिक्षकों की कमी है इससे शिक्षण कार्य प्रभावित होता है यद्यपि  प्रधानाचार्य कर्मठ हैं तथा  सहयोगी भी साथ दे रहे हैं लेकिन पर्याप्त शिक्षक न होने के कारण  शिक्षण कार्य तो प्रभावित होता ही है इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता है। उत्तर प्रदेश शासन को  चाहिए कि विद्यालय में वांछित  शिक्षकों  की शीघ्र पूर्ति करे।  

ओपिनियन 
1- संस्था में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की कमी है।चूँकि संस्था सहायता प्राप्त शिक्षण संस्था है इसलिए  उत्तर प्रदेश सरकार  को चाहिए कि यथा संभव शिक्षकों की पूर्ति की  व्यवस्था करे।  
2-भवन भी जीर्ण शीर्ण है इसके लिए  रख रखाव के लिए भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। 
3-डिजिटल शिक्षा में छात्र एवं शिक्षक दोनों ही अभी प्रारंभिक चरण में ही हैं.


 

  

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