गुरुवार, 13 मई 2021

कोरोना की दूसरी लहर में अवसर की तलाश

 द्वारा: अशर्फी लाल मिश्र






updated on 03 /06 /2021 

कोरोना की दूसरी लहर के बीच ही बाबा रामदेव ने अपना व्यापार चमकाने की दृस्टि से एलोपैथी एवं उसकी चिकित्सा पद्धति एवं  चिकित्सकों की कटु आलोचना की। बाबा राम देव आयुर्वेद की प्रशंसा तो कर सकते थे लेकिन एलोपैथी चिकित्सा पद्धति एवं विज्ञान की आलोचना करते से बचना चाहिए था। जब सम्पूर्ण राष्ट्र कोरोना महामारी की चपेट में था और कोरोना योद्धा डॉक्टर एवं अन्य सहयोगी जान की बाजी लगाकर कोरोना का सामना कर रहे थे तब बाबा रामदेव ने एलोपैथी और उनके डॉक्टरों का उपहास किया जो उचित नहीं कहा जा सकता। 

13/05/21

आज सम्पूर्ण राष्ट्र जब कोविड 19 के संकट के दौर से गुजर रहा है। तब राष्ट्र विरोधी, समाज विरोधी, विपक्ष एवं काला बाजारी करने वाले अपने अवसर की तलाश में जुटे हुए हैं।

प्राकृतिक आपदा या अन्य आपात स्थिति में सम्पूर्ण राष्ट्र को एक जुट होकर उसका सामना करना चाहिए।लेकिन ऐसा नहीं हो रहा।

कोरोना की पहली लहर में सम्पूर्ण देश में केंद्र द्वारा एक साथ लॉक डाउन लगा था तब परिणाम अच्छे रहे और सम्पूर्ण विश्व में भारत की सराहना हुई थी।उस समय विपक्ष ने चाहा था कि लॉक डाउन राज्यों पर छोड़ दिया जाना चाहिए क्योंकि राज्यों में बेरोजगारी बढ़ रही है।

आज जब लॉक डाउन  लगाना राज्यों  पर छोड़ दिया गया।तब देश की स्थिति बदतर हो गई और विश्व में भारत की बदनामी भी हो रही है।

आखिर ऐसा क्यों है? क्योंकि विपक्ष हर स्थिति में अवसर की तलाश में रहता है।

सोशल वर्कर /राजनेता

राजनेता अपने को समाज सेवक (Social worker) कहते है और सोशल वर्कर के रूप में भारत रत्न जैसे पुरस्कार पाने की भी इच्छा भी करते है।

आज कोरोना महामारी अवसर पर कितने ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने देश की इस संकट की घड़ी में लोगों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाये हैं।

कितने राजनेता/सोशल वर्कर हैं जिन्होंने अस्पताल खोले हों, बेड उपलब्ध कराए हैं या  मरीजों के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध  करायी। अधिकांश राजनेता जनता का मूड बदलने के लिए बयानबाजी करते हैं।

एक कम बुद्धि के राजनेता ने कहा कि वैक्सीन भाजपा की है ।इससे लोगों में भ्रम पैदा हुआ और लोगों ने वैक्सीन से  दूरी बना ली।परिणाम स्वरूप कोरोना की दूसरी लहर का जनता में विनाशकारी रूप देखने को मिला। सभी लोग भलीभांति जानते हैं कि वैक्सीन वैज्ञानिक बनाते हैं।

एक राजनेता , जो  एक राजनीतिक पार्टी के महामंत्री भी हैं अवसर की तलाश में जनता को गुमराह करने के लिए कहते हैं कि हमारी पार्टी के एक नेता को सरकार ने कोरोना पॉजिटिव कर दिया।यह कितना हास्यास्पद बयान है।

बयानबाजी करने वाले राजनेता अच्छी तरह जानते हैं कि कोरोना महामारी  आक्रमण करने में भेदभाव नहीं करती।

काला बाजारी

जब से कोरोना की दूसरी लहर आई तब से काला बाजारी चरम पर है।जीवन रक्षक दवाएं अंकित मूल्य से कई गुना अधिक मूल्य पर बिक रही हैं ।प्राइवेट अस्पतालों में इलाज भी कई गई गुना मंहगा हो गया है। फार्मेसी और प्राइवेट अस्पताल अवसर का भरपूर फायदा उठा रहे हैं।

फल विक्रेता, परचून की दुकान वाले या अन्य दुकानदार भी अवसर का भरपूर फायदा उठा रहे हैँ।

मंगलवार, 11 मई 2021

आतिशबाजी और जनरेटर पर पूर्ण प्रतिबंध हो

 द्वारा: अशर्फी लाल मिश्र

अशर्फी लाल मिश्र





आज सम्पूर्ण विश्व में कोरोना महामारी (कोविड 19) से हाहाकार मचा हुआ है। कोविड 19 से आज संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत सर्वाधिक प्रभावित देश है।

आज हमें जो भी कोविड19 से प्रभावित आंकड़े प्राप्त हो रहे हैं वे चाहे पॉजिटिव हों या ठीक हुए हों या फिर मृत्यु के आंकड़े हों सभी सरकारी अभिलेखों के आंकड़े हैं। इससे इतर जाने कितनी कोरोना से मौतें हो रही हैं उनका उल्लेख कहीं नहीं मिलता।

जाने कितने लोग माइल्ड कोरोना से प्रभावित हैं जो स्वयं ही अपने घर में आइसोलेट हो गए और  उनमे बहुत लोग ठीक भी हुए और कुछ काल कवलित हो गए।

ऑक्सीजन स्तर

भारत में  लगभग सभी जगह  पेड़ पौधे एवं हरियाली है।वायुमण्डल में ऑक्सीजन कमी नहीं है लेकिन पराली जलाने, आतिशबाजी ,जनरेटर का स्तेमाल, पुराने वाहन (ट्रक, बस,लोडर,ट्रेक्टर, दुपहिया वाहन ,जुगाड़ गाड़ी जो मोटर साईकल से चलती है,आदि।) से ऑक्सीजन की कमी और कॉर्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है।

आज कोरोना महामारी के समय  वायु मण्डल में ऑक्सीजन की कमी से न केवल महा नगरों में बल्कि देहात में भी  लोग प्राण त्याग रहे हैं।

देश के शीर्षस्थ न्यायालय  ने भी ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जाहिर की है।

आज तुरन्त सहायता पहुंचने के लिए अस्पतालों में  देश विदेश से ऑक्सीजन सिलिंडरों  की आपूर्ति हो रही है।

लेकिन दूसरी तरफ सार्वजनिक समारोह विवाह आदि के अवसर पर आतिशबाजी और डीजल जनरेटर का धड़ल्ले से स्तेमाल हो रहा है। क्या इससे वायुमंडल का ऑक्सीजन स्तर बढ़ रहा है?

सरकार अभी तक अस्पतालों  तक ही मुश्किल से ऑक्सीजन सिलिंडर  उपलब्ध कराने में व्यस्त है।

तत्काल उपाय 

सरकार को चाहिए कि  वायु मण्डल  में ऑक्सीजन के स्तर को स्थिर करने के लिए तत्काल प्रभाव से  आतिशबाजी, जनरेटरों का प्रयोग एवं  पुराने वाहनों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

यदि ऐसा नहीं हुआ तो आगे चलकर हर व्यक्ति को अपने गले में सिलिंडर डाल कर चलना होगा।

अभिमत

1-आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध हो।

2-डीज़ल जनरेटर पर पूर्ण प्रतिबंध हो।

3-पुराने वाहनों (चार पहिया,तीन पहिया,दो पहिया एवं जुगाड़ गाड़ी आदि) पर प्रतिबंध  लगाया जाए।(इलेक्ट्रिक वाहन छोड़कर)

अनर्गल बयानबाजी से कांग्रेस की प्रतिष्ठा गिरी

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