ब्लॉगर : अशर्फी लाल मिश्र
अशर्फी लाल मिश्र |
मीडिया (प्रिंट/वेब ,इलेक्ट्रॉनिक या सोशल ) लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ है।
मीडिया लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ है जिसका दायित्व है जनहित की पहरेदारी।
लोकतंत्र के प्रमुख अंग
(a) व्यवस्थापिका
(b ) कार्यपालिका
(c ) न्यायपालिका
एवं मीडिया को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ कहा जाता है।
मीडिया का दायित्व
इस डिजिटल युग में मीडिया का दायित्व बहुत ही चुनौती पूर्ण है। मीडिया का कार्य है जनहित की पहरेदारी। अब प्रश्न उठता है की जनहित कहाँ कहाँ प्रभावित होता है। जनहित लोकतंत्र में किसी भी स्थान में प्रभावित हो सकता है।
रिपोर्टिंग एक जोखिम भरा कार्य होता है जो हर व्यक्ति नहीं कर सकता।
सर्वे गुणः कांचन माश्रयन्ति
उक्ति सूक्ति का अर्थ है कि सोने में सभी गुण होते हैं। हमारा यहाँ कहने का अर्थ यह है कि धन सबको प्रभावित करता है। शासन का कोई भी तंत्र क्यों न हो अधिकांशतः धन से प्रभावित हो जाते हैं कोई कम कोई अधिक और जो प्रभावित नहीं होते उनकी संख्या अँगुलियों से गिनी जा सकती है।
मीडिया पूर्णतया निष्पक्ष नहीं
मीडिया में हम प्रिंट /वेब मीडिया,इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया को ले सकते हैं. मीडिया के ये सभी ही अंग किसी न किसी राजनीतिक दल से प्रभावित रहते हैं। इसमें सोशल मीडिया पूर्ण रूपेण अनियंत्रित है रही बात प्रिंट/वेब मीडिया की बात यह भी ये भी पूर्णतया निष्पक्ष नहीं हैं यह संस्थाएं या तो किसी राजनीतिक दल या फिर अप्रत्यक्ष फंडिंग से प्रभावित रहते हैं।
रही बात रिपोर्टिंग की तो कुछ रिपोर्टर निश्चित रूप से जोखिम भरा एवं सराहनीय कार्य करते हैं लेकिन कुछ रिपोर्टर विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के घटिया रिपोर्टिंग करते हैं जो प्रत्यक्ष /अप्रत्यक्ष रूप से फंडिंग से प्रभावित रहते हैं। ब्यूरोक्रेसी तो घटिया रिपोर्टिंग से प्रभावित रहती है लेकिन जनप्रतिनिधि भी बिना प्रभावित हुए नहीं रहते। प्रिंट/वेब मीडिया या फिर सोशल मीडिया में हर कोई अपनी प्रशंसा का भूखा रहता है इस मानव प्रवृति के कारण कमजोर मानसिकता के लोग अपने स्थान /अपनी गरिमा को भूल जाते हैं।
ओपिनियन
1 - वर्तमान समय में पत्रकारिता में डिप्लोमा /उपाधि उप्लब्ध हैं अतः पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों को ही रिपोर्टिंग का काम सौंपा जाय।